बचपन में बताया था किसी ने
कि तारे उतने पास नहीं होते
जितने दिखते हैं।
नहीं समझा था मैं तब,
अब समझता हूँ।
बचपन में बताया था किसी ने
कि सूरज बड़ा दिखता चाँद से
फिर भी वो ज़्यादा दूर है।
नहीं समझा था मैं तब,
अब समझता हूँ।
बचपन में बताया था किसी ने
चलती गाड़ी पर कि पेड़ नहीं
हम भाग रहे हैं।
नहीं समझा था मैं तब,
अब समझता हूँ।
कोई पास होकर भी दूर कैसे होता है
नज़दीक दिखती चीज़ें कितनी दूर होती हैं
और हम भाग रहे होते हैं चीज़ों से
पता भी नहीं चलता
मान बैठते हैं कि क़िस्मत बुरी है
और चीजें भाग रहीं हैं हमसे।
अब समझता हूँ।
कि तारे उतने पास नहीं होते
जितने दिखते हैं।
नहीं समझा था मैं तब,
अब समझता हूँ।
बचपन में बताया था किसी ने
कि सूरज बड़ा दिखता चाँद से
फिर भी वो ज़्यादा दूर है।
नहीं समझा था मैं तब,
अब समझता हूँ।
बचपन में बताया था किसी ने
चलती गाड़ी पर कि पेड़ नहीं
हम भाग रहे हैं।
नहीं समझा था मैं तब,
अब समझता हूँ।
कोई पास होकर भी दूर कैसे होता है
नज़दीक दिखती चीज़ें कितनी दूर होती हैं
और हम भाग रहे होते हैं चीज़ों से
पता भी नहीं चलता
मान बैठते हैं कि क़िस्मत बुरी है
और चीजें भाग रहीं हैं हमसे।
अब समझता हूँ।
बढिया है लिखा है, जारी रखें
ReplyDeletejindagi samajh rahe ho.....hindi blogging mei swagat hei.....
ReplyDeleteकोई पास होकर भी दूर कैसे होता है
ReplyDeleteनज़दीक दिखती चीज़ें कितनी दूर होती हैं
और हम भाग रहे होते हैं चीज़ों से
पता भी नहीं चलता
मान बैठते हैं कि क़िस्मत बुरी है
और चीजें भाग रहीं हैं हमसे।
अब समझता हूँ।
Bahut khoob!
ग्रेट ! जो बात कहनी चाही है, वह बड़े सरल ढंग से कही जाने के कारण बहुत प्रभावी भी हो गई है और सरलता से ग्राह्य भी है। लिखते रहें, अच्छा लगेगा।
ReplyDeleteबचपन में बताया था किसी ने
ReplyDeleteकि तारे उतने पास नहीं होते
जितने दिखते हैं।
नहीं समझा था मैं तब,
अब समझता हूँ।
Kaash ! Yahi bhola bachpan ekbaar phir jeeneko mil jata!
अच्छी रचना ।
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन हटा लीजिये
वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?>
इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..कितना सरल है न हटाना
और उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये
बहुत बेहतरीन लगी आपकी कविता---मुझे लगता है आप भविष्य में और बेहतर लिख सकते हैं। इसे आगे भी जारी रखिये। शुभकामनायें।
ReplyDeleteमुश्किल है हर बात को समझाना
ReplyDeleteपहले नहीं समझता था दुरी का मतलब
अब समझता हु
ब्लॉग जगत में आपका स्वागत
ReplyDeleteइस नए चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
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