आज मैं अकेला हूँ
मैं अकेला हूँ। 
 
अकेलापन,
जो जंगल में रहने से नहीं आता
बल्कि वो
जो उन लोगों के बीच रहने से आता है 
जिनकी भाषा समझ में नहीं आती है। 
 
अकेलापन,
जो लोगों की कमी से नहीं आता
बल्कि वो
जो उन्हें समझ नहीं पाने पर 
खुद पर आने वाली खीझ से आता है। 
 
अकेलापन,
जो अकेले रहने पर नहीं आता
बल्कि वो
जो इतने सारे लोगों के बीच 
ख़ुद के ग़ुम हो जाने से आता है। 
 
अकेलापन,
जो किसी से बातें नहीं कर पाने से नहीं आता
बल्कि वो
जो उन बातों को करने की मजबूरी, 
जो नहीं करना चाहता, से आता है 
आज मैं अकेला हूँ।
 
 
 
          
      
 
  
 
 
  
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