Friday, February 5, 2010

दिल चाहता है


दिल चाहता है आसमान में ऊड़ना,

पंछियों कि तरह उन्मुक्त ऊड़ना , 


बादलों की तरह हवा में तैरना , 

विशाल आकाश को छूना , 

जहाँ ना कोई बंदिश हो ना पहरे, 

बस मैं हूँ और मेरी चाहतें हों, 

जहाँ मैं सुन सकूं अपने मन कि बात , 

अपनी आवाज़ को दे सकूं शब्द , 

कुछ दिल की कहूं कुछ दिल की सुनूं

और बस आस्मां में ऊड्ता फिरूं ऊड्ता फिरूं ऊड्ता फिरूं।

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